'सकारात्मक सोच- सफलता का मार्ग'
साथियों,
सकारात्मक सोच सफलता की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। जब भी आपके सामने कोई लक्ष्य है और आप सफलता के ऊँचे शिखर को छूने का प्रयास कर रहे हो तो आपके पास सबसे जरूरी हो और महत्वपूर्ण शस्त्र होना चाहिए- `सकारात्मक सोच`| सकारात्मक सोच अर्थात अंधेरे में भी राह बनाने की कला, दुःख को भी सुख में बदल देने का गुर।
सकारात्मक सोच के साथ ही आत्मविश्वास का होना सफलता को दोगुना कर देता है। सकारात्मक सोच वह ताकत है,जो असंभव को भी संभव में बदल देती है।
शोधकर्ता बताते हैं कि हमारे दिमाग में हर दिन साठ हजार विचार आते हैं,पर साठ हजार विचारों में से अधिकांश विचार नकारात्मक प्रवृत्ति के होते हैं। इनमें सकारात्मक विचारों की संख्या कम होती है । जब हम सकारात्मक सोच रहे होते हैं तब हम सफलता की ओर बढ़ रहे होते हैं, जब हम नकारात्मक सोच रहे होते हैं तब हम नाकामी की ओर बढ़ रहे होते हैं।
हमारा मानव-मस्तिष्क भूमि के टुकड़े के समान है। जिस प्रकार भूमि को इस बात से कोई मतलब नहीं होता कि इसमें क्या बोया जा रहा है उसी प्रकार मानव-मस्तिष्क को भी इस बात से कोई मतलब नहीं होता कि उसमें किस प्रकार के विचार बोये जा रहे हैं? यदि हम सकारात्मक विचारों की खेती करते हैं तो सफलता की फसल काटते हैं और यदि हम नकारात्मक विचारों की खेती करते हैं तो हम नाकामी की फसल काटते हैं ।
साथियों, जीवन में कितनी भी कठिनाइयाँ व संघर्ष क्यों ना आएं, सकारात्मक सोच बनाए रखें क्योंकि सकारात्मकता हमेशा ही सफलता की ओर अग्रसर करती है
यदि आप नकारात्मक सोचते हैं,
तो परिणाम नकारात्मक आएंगे ।
यदि आप सकारात्मक सोचते हैं,
तो परिणाम सकारात्मक ही होंगे।।
स्वामी विवेकानंद ठीक ही कहा है -
अपने जीवन का एक लक्ष्य निर्धारित करो।
अपने पूरे शरीर को एक लक्ष्य से भर दो,
और हर दूसरे विचार को अपनी जिंदगी से निकाल दो ,
क्योंकि यहीं सफलता की कुँजी है।
~ नोट- मेरे द्वारा लिखित यह लेख 'सकारात्मक सोच-सफलता का मार्ग' परिष्कार कॉलेज द्वारा प्रकाशित अगस्त माह की परिष्कार स्पंदन में प्रकाशित हो चुका है ।
~ सुरेश कुमार पटेल 'जिज्ञासु'
बी. ए. तृतीय वर्ष
परिष्कार कॉलेज ऑफ़ ग्लोबल एक्सीलेंस, जयपुर